Gaurav Sweets Success Story: आज हमारे देश भारत में Startup और बिजनेस का एक नया कल्चर और ट्रेंड शुरू हो चुका हैं, क्योंकि आज इंटरनेट पर कई सारी बिजनेस की सफलता की कहानी पढ़ने के लिए मिलती हैं जिसे पढ़कर आज के युवा अपना बिजनेस करने के लिए प्रेरित होते हैं।
इसलिए आज हम आपको लिए बिजनेस की दुनिया से एक नई सफलता की कहानी लेकर आए हैं जिसमे इस बिजनेस के मालिक ने एक समय पर लोगो से 100 रुपए तक का उधार मांगा था, पर आज इसी सख्श ने अपने बिजनेस को करोड़ो का बना डाला हैं।
यहां पर हम बात कर रहे हैं Gaurav Sweets के मालिक विरल पटेल (Veeral Patel) की, जिन्होंने लोगो से उधार लेकर अपने कारोबार की शुरुवात की थी। पर आज इनका ये कारोबार करोड़ो का बन चुका हैं। इसलिए आज के इस लेख में हम Gaurav Sweets Success Story पढ़ेंगे और जानेंगे कि कैसे वीरा पटेल ने अपने इस बिजनेस में सफलता हासिल की।
कौन हैं Veeral Patel?: Gaurav Sweets Success Story
Veeral Patel गुजरात के कच्छ के एक छोटे से गांव से तालुक रखते हैं, इनका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था। इनके पिता जी उस समय गांव के अंदर किसानी करते थे, घर में आर्थिक व्यवस्था सही ना होने के कारण किसानी भी सही से नहीं हो पाती थी।
विरल के परिवार में 8 सदस्य थे, जिसके कारण घर का पालन पोषण करने के लिए इन्हे छोटी उम्र में अपने पिता जी के साथ काम पर लगना पड़ा था। विरल बचपन से पढ़ाई में बहुत अच्छे थे पर घर की आर्थिक स्थिति ना होने के कारण उन्हें पढ़ाई में भी दिक्कत आती थी। पर जैसे तैसे करके उन्हे अपनी 10वीं तक की पढ़ाई पूरी की और फिर वो पैसे ना होने के कारण अपनी पढ़ाई जारी ना कर सके।
इसके बाद घर की स्तिथि और खराब देखते हुए विरल ने 16 वर्ष की उम्र में मुंबई जा कर पैसे कमाने का फैसला किया, क्योंकि उस समय लोग गांव से मुंबई ही पैसे कमाने के लिए जाते थे। पर विरल के पास मुंबई तक जाने के पैसे नही थे तो इनके पिता जी ने 100 रुपए का उधार लेकर इन्हे दिया और उसी उधार के पैसे से विरल मुंबई पहुंच गए।
जेब में बचे थे सिर्फ 35 रुपए: Gaurav Sweets Success Story
Veeral Patel जब अपने गांव से मुंबई पहुंचे तो उनके पास सिर्फ जेब में 35 रुपए बचे थे, क्योंकि जो उनके पिता जी ने उन्हे 100 रुपए उधार लेकर दिए थे उसमे से 65 रुपए टिकट में लग गया थे। इसलिए जब वो मुंबई पहुंचे तो उनके पास सिर्फ 35 रुपए थे।
मुंबई पहुंचकर विरल ने सबसे पहले एक स्टेशनरी की दुकान पर अपनी पहली नौकरी की जहा पर उन्होंने पहले 6 महीने काम करना सीखा और 6 महीने के बाद उन्हें उनकी पहली पगार मिली। आपको बता दें कि Veeral को उनकी पहली पगार में 250 रुपए मिले थे और ये मिलने के बाद वो उस समय बहुत खुश हुए थे।
ऐसे हुई Gaurav Sweets Success Story की शुरुवात
विरल हमेशा से अपना खुद का बिजनेस ही करना चाहते थे क्योंकि उन्हें पता था कि अगर परिवार का पालन पोषण अच्छे से करना हैं तो अपना खुद का कारोबार ही करना होगा। इसलिए कुछ सालो तक मुंबई में नौकरी करने के बाद उन्होंने अपने पैसे की बचत करने शुरू कर दी, और कुछ सालो बाद उन्होंने ठाणे में 5 लाख रुपए निवेश करके एक दुकान खरीद ली।
सिर्फ 1 साल के अंदर ही विरल को उस दुकान से लगभग 5.25 लाख का प्रॉफिट भी हो गया और यही से उन्होंने ओर आगे बढ़ने का फैसला ले लिया। जिसके बाद साल 2004 में विरल ने Gaurav Sweets नाम से अपनी मिठाई और नमकीन की कंपनी बनाई, जिसने समय के साथ बहुत तेजी से आगे बढ़ना शुरू किया।
Gaurav Sweets बन चुकी है करोड़ो की कंपनी
साल 2004 में शुरू हुई Gaurav Sweets कंपनी आज करोड़ो की कंपनी बन चुकी हैं। आज इनके पूरे महाराष्ट्र में 25 अलग ब्रांचेस हैं और आज हर दिन ये कंपनी लगभग 25,000 रुपए से ज्यादा पैसे कमा रही हैं। Gaurav Sweets अपने कस्टमर्स को अलग अलग प्रकार की मिठाई और नमकीन देते हैं और लोगो को भी इनके सभी खाने वाले स्नैक्स पसंद आते हैं।
न्यूज रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल Gaurav Sweets ने लगभग 25 करोड़ का टर्नओवर बनाया हैं, जिसके कारण आज ये कंपनी एक करोड़ो की कंपनी बन चुकी हैं।
विरल पटेल से हम ये सीख सकते हैं की अगर हम कुछ ठान ले तो वो चीज पॉसिबल हैं और यही कारण हैं कि आज विरल पटेल ने एक छोटी सी शुरुवात से एक करोड़ो की कंपनी खड़ी कर दी हैं।
Gaurav Sweets Success Story Overview
Aspect | Milestone/Event |
---|---|
Journey Start | Started journey to Mumbai with a loan from father |
Worked as a helper at a roadside eatery, provided meals but no pay | |
Joined a stationery store, initially unpaid, later earned Rs 250/month | |
Business Partnership | Partnered for a stationery shop in Thane |
Sweets Business | Entered the sweets business with an investment of Rs 30 lakhs |
Founded Gaurav Sweets, named after his son | |
Shop became profitable within a few months | |
Present Status | Owns 6 sweets shops in Mumbai |
Offers nearly 300 varieties of sweets | |
Specialties include dry fruit, sugarfree, milk-based sweets, Bengali sweets, Shrikhand Rabdi Basundi | |
Serves snacks and chaat like Dahipuri, Chole Samosa, Chole Tikki, Sukha Bhel, and Humsafar | |
Website available for online orders | |
Success Factors | Demonstrates the value of hard work, loyalty, and business management skills |
Story exemplifies rags-to-riches journey through dedication |
Gaurav Sweets Success Story Interview
हम आशा करते हैं कि इस आर्टिकल से आपको Gaurav Sweets Success Story की जानकारी मिल गई होगी, इसे अपने दोस्तो के साथ भी शेयर करें ताकि उन्हें भी Gaurav Sweets Success Story के बारे में पता लग सके। ऐसे ही ओर भी सफलता की कहानी पढ़ने के लिए techiekhabar.com के साथ जुड़े रहे।